The Washerman

चमकती हुई धूप सुबह की चीरती घने बादलों को चुपचाप देखते भूल गया मैं आकाश को दुखते हुए हाथ को, पानी में डबडबाते प्रतिबिम्ब की सलवटें देखते मैं भूल गया अपनी उम्र को, झूमती हुई हरियाली में लहुलुहान छायाओं को देखते भूल गया मृतकों के वर्तमान को जो सोचा करने लगा कुछ और, घोलता नीले […]

The Poet’s Fate

वह रोशनी अगर और सफ़ेद होती तो हम तुम अदृश्य हो जाते जीते अपनी अपनी अदृश्य पीड़ा को बिना जाने कभी खुशी की  अनुपस्थिति को चकित होते उस अदृश्यता पर जिसमें ग़ायब हैं परछाइयाँ जिसमें ग़ायब हैं आकार और गिरते हुए हम करते उड़ने की कल्पना बिना आकाश के, केवल आवाज़ जो पहुँचती बची हुई […]

Mountain Child

pahaaRkii god meN Mountain lap in of pahaaR ke choTe-choTe TukRoN saa Mountain of little-little pieces like kheltaa hai pahaaRii baccaa Plays mountain child laRkhaRaate kadamoN se pahaaR caRhte Tottering/wabbling/stumbling steps with mountain climbing/ascending roptaa hai pahaaRii dhartii par paaNv Set/plant mountain earth on foot pahaaRii maahaul meN Mountain atmpshere in pahaaR kii tarah Mountain […]