होगा एक और शब्द Another Word for It

होगा एक और शब्द

नीली रंगतें बदलतीं
आकाश और लहरों की
बादल गुनगुनाता कुछ
सपना सा खुली आँखों का
कैसा होगा यह दिन
कैसा होगा
यह वस्त्र क्षणों का
ऊन के धागों का गोला
समय को बुनता
उनींदे पत्थरों को थपकाता
होगा एक और शब्द
कहने को
यह किसी और दिन
 
(पत्थर हो जाएगी नदी, 2007)
 

Another Word for It

Different blues
in sky and waves.
The cloud hums a dream
of eyes open.
So what will this day be like,
this garment of moments?
The ball of thread
that knits time
taps the sleepy stones.
 
There may be a better way
to say this
some other day.
 
28.5.2001
From ‘Patthar Ho Jaayegii Nadii, Stone-River
 
 
 

Original Poem by

Mohan Rana

Translated by

Lucy Rosenstein with Bernard O’Donoghue Language

Hindi

Country

India